केवल दो अक्षर का अपना

केवल दो अक्षर का अपना इक छोटे से घर का सपना   नीले अधरों पर अंकित है हेमन्ती पतझड़ का सपना   देह दुल्हन की ससुराल में आँखों में पीहर का सपना   भोर सिन्दूरी साँझ सुरमई जैसे जादूगर का सपना   एक बूंद जीवन चातक को क्यों देखे सागर का सपना